किससे होगी टक्कर
दूरसंचार विभाग ने 7 मई को Starlink को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया था। इससे कंपनी को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस मिल गया है। लेटर ऑफ इंटेंट मिलने का मतलब है कि सुरक्षा और अन्य रणनीतिक मामलों से जुड़ी सभी चिंताओं को कंपनी ने दूर कर दिया है। सभी प्रमुख एजेंसियों ने इसकी जांच कर ली है। सूत्र ने कहा कि उम्मीद है कि IN-SPACe की मंजूरी भी बहुत जल्द मिल जाएगी।IN-SPACe एक सिंगल-विंडो एजेंसी है। यह अंतरिक्ष विभाग में एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में काम करती है। इसका काम है अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देना और उन्हें मंजूरी देना। Starlink को सभी रेगुलेटरी अप्रूवल मिलने वाले हैं। वहीं, सरकार ने सैटकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इन कंपनियों में रिलायंस जियो और एयरटेल के सैटकॉम जेवी (JV) और निवेश भी शामिल हैं। स्पेक्ट्रम मिलने से ये कंपनियां भी सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सर्विस दे पाएंगी।