कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा- बुधवार को एक ही दिन में भारत की कूटनीति (डिप्लोमेसी) को अमेरिका से तीन बड़े झटके लगे हैं। इनसे भारत की विदेश नीति और भारत-अमेरिका संबंधों पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
जयराम ने कहा- अमेरिका की सेंट्रल कमांड चीफ जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ साझेदार बताया। पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर को अमेरिकी आर्मी डे के लिए न्योता दिया है। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने फिर से कहा कि भारत-पाक तनाव ट्रम्प ने खत्म करवाया।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि ये हमारी कूटनीति के लिए बड़े झटके हैं। साथ ही चेतावनी और चुनौती भी हैं। प्रधानमंत्री जो सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी हैं, उन्हें अब सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। उन्होंने विदेश यात्राओं पर गए सांसदों से मुलाकात की है, अब विपक्षी दलों के नेताओं से भी मिलना चाहिए।
जयराम रमेश ने गिनाए 3 झटके
पहला झटका: पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी साझेदार बताया
जयराम रमेश कहा- अमेरिका के सेंट्रल कमांड चीफ जनरल माइकल कुरिल्ला ने हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के सामने पाकिस्तान को एक शानदार (Phenominal) आतंकवाद विरोधी साझेदार बताया। क्या यही पाकिस्तान है जहां ओसामा बिन लादेन 10 साल छिपा रहा और 2011 में मारा गया। वही पाकिस्तान अब अमेरिका के लिए आतंकवाद विरोधी साझेदार बन गया।
दूसरा झटका: पाक आर्मी चीफ मुनीर को अमेरिका आने का न्योता
जयराम रमेश ने कहा- अमेरिका ने पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को 14 जून को अमेरिका सेना की 250वीं वर्षगांठ पर आयोजित परेड में भाग लेने के लिए न्योता भेजा है। यह वही आसिम मुनीर है जिसने पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले भड़काऊ और उकसावे बयान दिए थे। उनके बयानों से ही आतंकियों को बल मिला।
तीसरा झटका: भारत-पाक तनाव खत्म करने पर ट्रम्प की भूमिका दोहराई
जयराम रमेश ने कहा- अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने दोबारा कहा कि भारत-पाक तनाव को कम करने में डोनाल्ड ट्रम्प और विदेश मंत्री मार्को रुबियो की भूमिका रही है।